28 जुलाई 2021 को हैदराबाद विश्वविद्यालय ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर परिसर में एक बृहत वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया तथा हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण (HMDA), विश्व हरित सेना, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और विकास-छात्र आदि ने इसके आयोजन में सहयोग दिया. परिसर में विभिन्न स्थानों पर कुल 10 हजार पौधे लगाए गए.
माननीय कुलपति महोदय प्रो. बी.जे. राव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने इस अभियान कार्यक्रम के मौके पर पहला पौधा लगाया. इस अवसर पर प्रो. अरुण अग्रवाल, वरिष्ठ प्रोफेसर, कंप्यूटर और सूचना विज्ञान संकाय; श्री. पी. सरदार सिंह, कुलसचिव; प्रो. आर.एस. सर्राजू, मानविकी संकाय; प्रो. ए.सी. नारायण, पृथ्वी-विज्ञान संकाय; प्रो. बोपन्ना नागार्जुन, डीन, छात्र कल्याण; डॉ. ए. बिंदु माधव रेड्डी, एनएसएस के संयोजक; डॉ. रावुला कृष्णय्या, उन्नत भारती अभियान के संयोजक; श्री. जी.वी. रेड्डी, सहायक कुलसचिव; बागवानी विभाग और सी.पी. शर्मा, वरिष्ठ उद्यान विशेषज्ञ आदि प्रमुख भी मौजूद थे.
कार्यक्रम का संबोधित करते हुए, प्रो. बी.जे. राव ने कहा कि संरक्षण प्रकृति द्वारा स्वाभाविक रूप से किया जाता है, मानव अब उसका संरक्षण कर रहा है और ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि मानव ने स्वयं नाश किया है. हमें प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों को बहाल करने की जरूरत है. प्रकृतिवादियों को आवश्यकतानुसार प्राकृतिक जैव विविधता की बहाली और संरक्षण और जागरूकता में हमारी मदद करनी चाहिए. प्रकृति ने जैव विविधता को अपनी सुंदरता के लिए चुना है, जबकि मनुष्य इसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए कर रहा है, जो सही नहीं है. आइए हम अपनी सुंदरता के लिए प्रकृति के करीब जाएँ – उन्होंने संदेश दिया.
“विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हमें एक स्थायी पर्यावरण के महत्व पर विचार करने का अवसर दिया है. विश्वविद्यालय ने पहले कई पहल की हैं जैसे कि चेक डामों के माध्यम से जल-संरक्षण और भू-जल संरक्षण, सौर पैनल परिनियोजन के माध्यम से बिजली का बचत, पौधों को पानी देने के लिए संसाधित सीवेज पानी का पुनर्चक्रण आदि. प्रो अरुण अग्रवाल ने कहा की आज का कार्यक्रम हरित आवरण को बढ़ाने के लिए कारिडार में वृक्षारोपण करने का एक और प्रयास है. बाद में उन्होंने एचएमडीए, एनएसएस और अन्य को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इसका आयोजन में सहयोग दिये थे.
हम जन्म लेते हैं और प्रकृति के संग रहते है. हमें अपनी सुरक्षा के लिए प्रकृति का संरक्षण करनी चाहिए”, प्रो. आर.एस. सर्राजू, संकाय-सदस्य, मानविकी संकाय ने कहा है.
प्रो. अरुण कुमार पटनायक, राजनीति विज्ञान विभाग ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का आयोजन करने पर विश्व हरित सेना को बधाई दी. आगे उन्होंने कहा कि “जैसे-जैसे मानवता आगे बढ़ती है, हमारे लिए पेड़ों और जानवरों जैसी प्राकृतिक प्रजातियों का संरक्षण करना महत्वपूर्ण है. पूंजीवाद और समाजवाद दोनों ने उन्हें एक समग्र मानवता के विकास को बर्बाद कर दिया है. एकात्म मानववाद के दर्शन का पालन करते हुए हमें पेड़ों और जानवरों की देखभाल और पालन-पोषण करना चाहिए और इस तरह अपनी भावी पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य सुरक्षित करना चाहिए”.
डीन – छात्र कल्याण, प्रो बोप्पना नागार्जुन ने कहा कि “मैं अपने परिसर समुदाय से प्रकृति की रक्षा और संरक्षण करने का आग्रह करता हूं. भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति के संरक्षण के लिए यह हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए”.
इस अवसर पर, एनएसएस के समन्वयक, डॉ ए बिंदु माधव रेड्डी ने एनएसएस के आदर्श वाक्य को याद दिलाया; “जिस समुदाय में वे काम करते हैं उसे समझना है, अपने समुदाय के संबंध में खुद को समझना है”। प्रकृति समुदाय में और बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। उन्होंने सभी एनएसएस स्वयंसेवकों से प्रकृति के बारे में सतर्क रहने और विलुप्त होने से पहले एक अतिरिक्त प्रयास के साथ दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करने का आग्रह किया है.
वर्ल्ड ग्रीन आर्मी के संस्थापक रोहित कुमार बोंडगुला ने कहा कि “वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए, हम सभी को जिम्मेदार बनाना चाहिए और अपनी प्रकृति की रक्षा और संरक्षण में भाग लेना चाहिए”.
कार्यक्रम का समन्वय, श्री वी.वी. सुब्बा राव, सहायक बागवानी और श्री रोहित कुमार बोंडुगुला, पीएच.डी. शोधार्थी, कंप्यूटर और सूचना विज्ञान संकाय ने किया तथा इसमें अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया.