5 अप्रैल 2021 को विश्वविद्यालय के प्रशासन भवन में कुलपति प्रो. अप्पा राव पोदिले जी, सम-कुलपति- 1 प्रो. अरुण अग्रवाल जी, कुलसचिव श्री पी. सरदार सिंह जी और अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने श्री. बाबू जगजीवन राम को, जिन्हें बाबूजी के नाम से जाना जाता है, जो एक स्वतंत्रता सेनानी के अलावा, बिहार के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे, उनके 113 वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
बाबूजी ने 1935 में अखिल भारतीय दलित वर्ग के लीग की स्थापना में अहम भूमिका निभाई, जो अछूतों के लिए समानता प्राप्त करने के लिए समर्पित संगठन था. 1937 में वे बिहार विधानसभा के लिए चुने गए तथा बाद में, उन्होंने ग्रामीण मजदूर आंदोलन का आयोजन किया. श्री. बाबू जगजीवन राम जी भारत की पहली गैर-कांग्रेसी सरकार में उप-प्रधानमंत्री थे. सामाजिक न्याय उनके संघर्ष का मुख्य कारण था. इसलिए, आज भी उनका सम्मान किया जाता है. अपने राजनीतिक जीवन में, बाबूजी चार दशकों में रक्षा, कृषि, सिंचाई और रेलवे जैसे विभिन्न विभागों की केंद्रीय मंत्री रहे. उन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान भारत की जीत में रक्षा मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान का विभाजन और बांग्लादेश का आविर्भाव हुआ.