उजैन के विक्रम विश्वविद्यालय ने 4 नवंबर से 10 नवंबर, 2022 तक अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन किया था. इस भारतीय संस्कृत सम्मेलन में उत्कृष्ट शोध पत्र का पुरस्कार घोषित किया गया. नीदरलैंड की सुश्री मारिया एलिज़ाबेथ बाकर ने ‘Yogadarśananidhi in Kālidāsa’s Raghuvaṃśa Canto I’ (कालिदास के रघुवंशम् में योग दर्शन निधि) नामक शोध पत्र प्रस्तुत किया था, जिसे प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया. तथापि, किन्हीं कारणों से सुश्री बाकर इस सम्मेलन में उपस्थित न हो पाईं और हैदराबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत अध्ययन विभाग की स्नातकोत्तर विद्यार्थिनी सुश्री एस.के. अभिरामी ने प्रपत्र प्रस्तुत कर उनका प्रतिनिधित्व किया और पुरस्कार भी ग्रहण किया.

सुश्री बाकर यूनिवर्सिटी ऑफ लेडन मे दक्षिण और दक्षिण पूर्वी आशियाई अध्ययन के अधीन संस्कृत को मुख्य विषय के रूप में पढ़ती हैं. इस कार्यक्रम के अधीन वे भारतीय विश्वविद्यालय में एक पूर्ण सत्र तक पढ़ने का अनुभव प्राप्त करने हेतु भारत आईं और आपने हैदराबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत अध्ययन विभाग में प्रवेश लिया. वे संस्कृत अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. जे.एस.आर. प्रसाद और इसी विभाग के पीएच.डी. के शोध-छात्र श्री. ब्रिजेश कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में रघुवंशम् और रामायण जैसे महाकाव्यों का अध्ययन कर रही हैं. वे कहती हैं कि इन्हीं से शोध-पत्र लिखने की प्रेरणा उन्हें मिली.

विभाग के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने सुश्री बाकर को इस उपलब्धि पर बधाई दी है और संस्कृत के गहन अध्ययन हेतु हैदराबाद विश्वविद्यालय को चुनने पर आभार भी प्रकट किया है.