हैदराबाद विश्वविद्यालय के विविध स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रमों के लिए 24 से 26 सितंबर, 2020 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित की जाएँगी. 

मीडिया के साथ एक ऑनलाइन बातचीत के दौरान हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय अप्पा राव पोदिले ने यह घोषणा की. आपने कहा कि जेईई और एनईईटी को आयोजित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद विश्वविद्यालय अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ये परीक्षाएँ आयोजित करेगा. देश भर के 38 परीक्षा केंद्रों में आयोजित होने वाली इन परीक्षाओं में 62,000 से भी अधिक छात्र सहभागी होंगे. विश्वविद्यालय समस्त प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर नए छात्रों के लिए नवंबर के पहले सप्ताह से कक्षाएँ आरंभ करने की योजना बना रहा है.

विश्वविद्यालय की शैक्षिक गतिविधियों को दुबारा शुरू करने की योजना के बारे में आगे कुलपति महोदय ने कहा कि गुरुवार, 20 अगस्त से वर्तमान 2000 स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएँ आरंभ होंगी. इस ऑनलाइन सत्र में एलएमएस (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) का प्रयोग छात्रों और शिक्षकों द्वारा किया जाएगा और विभागों, संकायों में आईसीटी प्रौद्योगिकी को अद्यतन किया जाएगा. दूरदराज के इलाकों में रहनेवाले कुछ छात्रों को पेश आने वाली इंटरनेट की समस्याओं को देखते हुए प्रो. अप्पा राव ने आश्वस्त किया कि ऑनलाइन शिक्षा में यह ध्यान रखा जाएगा कि कोई छात्र पीछे न छूटे. उन्होंने बताया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय देश का पहला सार्वजनिक विश्वविद्यालय है जहाँ पर शैक्षिक गतिविधियाँ पुन: आरंभ करने की योजना बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है और उसकी सिफारिशों पर अमल किया जा रहा है. यह टास्क फोर्स सिफारिश प्रस्तुत कर चुका है कि विज्ञान संकाय के 500 शोध छात्र चरणबद्ध तरीके से अपनी प्रयोगशालाओं में लौटें, ताकि वे अपने महत्वपूर्ण शोध प्रयोगों को जारी रख सकें.

टास्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. विनोद पावराला ने विश्वविद्यालय द्वारा छात्र कल्याण हेतु उठाए गए कुछ कदमों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वंचित छात्रों को डीएजी (डिजिटर एक्सेस ग्रांट) दिया जाएगा, सत्र पंजीकरण क शुल्क नहीं लिया जाएगा, एम.फिल., पीएच.डी. के शोध-छात्रों के अपने प्रबंध को प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय दिया जाएगा और शोध-छात्रों से सत्र पंजीकरण के समय डॉक्टोरल समिति प्रगति रिपोर्ट अपलोड करने की अपेक्षा नहीं की जाएगी. आगे आपने बताया कि विश्वविद्यालय के पूर्व-छात्र एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय को आश्वस्त किया है कि इस आपदा के वक्त वह जरूरतमंद छात्रों के लिए निधि इकट्ठा करने का प्रयास करेगा. एक ऑनलाइन फोरम द्वारा इस ऑनलाइन शिक्षा पर निगरानी रखी जाएगी ताकि छात्रों और शिक्षकों से फीडबैक मिल सके.