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हैदराबाद विश्वविद्यालय, मानविकी संकाय के सभागार में कैम्पस कॉन्सर्ट शृंखला के तहत 28 नवंबर 2016 को
आयोजित संगीत संध्या कार्यक्रम ने संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस कार्यक्रम में उस्ताद बशीर अहमद खान ने अपने पुत्र उस्ताद इरफान अहमद खान के साथ तथा तबला वादक उस्ताद शेख दाऊद के शिष्य उस्ताद शब्बीर निसार ने अपने शिष्यों श्री. उदय कुमार नारी और श्री. पवन कुमार के साथ मिलकर एक शानदार प्रदर्शन दिया. यह कार्यक्रम भारतीय संगीत गुरु-शिष्य परंपरा का द्योतक था. उस्ताद इरफान खान अपने पिता उस्ताद बशीर अहमद खान और लिविंग लेजेंड उस्ताद शाहिद परवेज की शिष्य परम्परा से हैं. उस्ताद शब्बीर निसार ने अपने शिष्यों के साथ इस प्रदर्शन में भाग लिया, हारमोनियम पर उनकी संगत पंडित धनवंत ने की.

हैदराबाद विश्वविद्यालय, मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. पंचानन मोहंती ने स्मृति चिन्ह भेंट कर कलाकारों का स्वागत किया. सभागार शिक्षण, शिक्षणेतर कर्मचारी और छात्रों से खचाखच भरा था.

कार्यक्रम में उस्ताद इरफान खान ने सितार पर राग देश और राग पीलू से सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. राग देश एक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय राग है, जबकि राग पीलू भारतीय शास्त्रीय संगीत का राग है. इन रागों का प्रयोग अक्सर उत्तर भारतीय शास्त्रीय शैली के ‘खयाल’ जैसे ललित संगीत में किया जाता है. उस्ताद इरफान खान ने राग पीलू में एक पहाड़ी ठुमरी को सुनाया.

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उस्ताद शब्बीर निसार ने एकल तथा अपने शिष्यों के साथ प्रदर्शन दिया. उन्होंने दर्शकों को बताया कि हर भाषा की तरह तबला वाद्य की भी अपनी भाषा होती है और इसकी अनेक परंपराएँ आज भी मौजूद हैं. आगे उन्होंने विभिन्न परंपराओं का बड़ी सरलता से विवरण भी दिया.

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