23 नवम्बर 2020 को हैदराबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा नए शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए उन्मुखीकरण सह प्रतिष्ठापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ एम.ए. की छात्राओं द्वारा राष्ट्रगान से हुआ. स्वागत वक्तव्य में हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर गजेन्द्र पाठक ने नए शोधार्थियों और विद्यार्थियों का हैदराबाद विश्वविद्यालय का अभिन्न अंग बनने के लिए बधाई दी और विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा के अनुकूल निकट भविष्य में गंभीर अकादमिक उत्तरदायित्व के प्रति सजग रहने का आह्वान किया. विश्वव्यापी महामारी के बावजूद इस बार प्रवेशार्थियों की बड़ी संख्या विभाग और विश्वविद्यालय की लोकप्रियता का प्रमाण है. उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए इसे देश की गौरवशाली परम्परा को पुनः वापस लाने का ऐतिहासिक प्रयास बताया और मातृभाषा में शिक्षा की जरूरत को रेखांकित करने के साथ भारतीय भाषाओं का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर बताया. प्रोफेसर गजेन्द्र पाठक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावनाओं के अनुरूप देश की स्वाधीनता के शताब्दी वर्ष तक हैदराबाद विश्वविद्यालय को दुनिया के दस सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में लाने के लिए भी सम्मिलित प्रयास का आह्वान किया.
कार्यक्रम को प्रोफेसर आर.एस.सर्राजू, प्रोफेसर आलोक पाण्डेय, प्रोफेसर सी. अन्नपूर्णा, प्रोफेसर विष्णु सर्वदे, और डॉ. भीम सिंह ने सम्बोधित किया. संचालन छात्र प्रतिनिधि सेतुकुमार वर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन विभाग के सदस्य डॉ. जे. आत्माराम ने किया. कार्यक्रम में अध्यक्ष, छात्र कल्याण द्वारा मनोवैज्ञानिक सलाहकार के व्याख्यान द्वारा मानसिक तनाव की स्थिति से बचने के लिए विभिन्न उपायों की चर्चा की गई और आकस्मिक स्थिति में हर संभव मदद के लिए ऑनलाइन सलाह की पेशकश भी की गई. केरल से लेकर मणिपुर और पंजाब से लेकर पांडिचेरी तक ऑनलाइन जुड़े हुए विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने राष्ट्रगान की भावना के अनुरूप इस कार्यक्रम को एक अखिल भारतीय सांस्कृतिक संगम की तरह यादगार बना दिया.