4 से 10 अप्रैल, 2022 तक के दौरान कौशल विकास केंद्र, जीव विज्ञान संकाय, हैदराबाद विश्वविद्यालय में हिस्टोलॉजी और इम्यूनोहिस्टो / साइटोकेमिस्ट्री पर व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें देश के 21 निम्न प्रतिभागियों ने भाग लिया:

ध्रुवी देसाई जैव-रसायन में एम.एससी. छात्र नवरचना विश्वविद्यालय, वडोदरा
आर्ची मिस्त्री जैव-विज्ञान में एम.एससी. छात्र नवरचना विश्वविद्यालय, वडोदरा
नुरैलिन टेलर जैव-विज्ञान में एम.एससी. छात्र, नवरचना विश्वविद्यालय, वडोदरा
प्राप्ति चक्रवर्ती बी.एससी. छात्र क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
श्रीधर गुंडे अकादमिक सलाहकार निज़ाम कॉलेज, हैदराबाद
अनस हुसैन एम.एससी. छात्र जर्मन विश्वविद्यालय जाएँगे
निशि पंड्या पीएच.डी. छात्र एम.एस. विश्वविद्यालय, वडोदरा
अक्षय देशपांडे पीएच.डी. छात्र कर्नाटक विश्वविद्यालय
बायसिस शर्मा युवा पेशेवर युवा आईसीएआर-सी आई एफ
हीरा नित्यानंदन पीएच.डी. छात्र पांडिचेरी विश्वविद्यालय
मोहित मजूमदार एम.एससी. छात्र नवरचना विश्वविद्यालय, वडोदरा
सनक बनर्जी पीएच.डी. छात्र टीआईएफआर, हैदराबाद
दीपक टी. पीएच.डी. छात्र क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
कीर्तना मिद्देला एम.एससी. छात्र गीतम विश्वविद्यालय विशाखापट्टणम
ससरीका परमकुशाम एम.एससी. छात्र गीतम विश्वविद्यालय, विशाखापट्टणम
अनुप्रिया शेखर एम.एससी. वनस्पति विज्ञान छात्र हैदराबाद विश्वविद्यालय
सिमरन भाटी एकीकृत एम.टेक. छात्र जे.पी. संस्थान, नोएडा
संयमी जैनी वनस्पति विज्ञान में बी.एससी. दिल्ली विश्वविद्यालय
हरि प्रसाद पीएच.डी. छात्र अलगप्पा विश्वविद्यालय
पूजा भौमिक पीएच.डी. छात्र हैदराबाद विश्वविद्यालय
स्वालिहा पीएच.डी. छात्र केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय

 

उपरोक्त कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रो. एस. दयानंद (संकाय-अध्यक्ष, जीव विज्ञान संकाय) और प्रो. अरुण कुमार कोटा (प्रभारी-विभागाध्यक्ष, प्राणी जैविकी विभाग) ने भाग लेकर अपने भाषण में भावी पीढ़ियों द्वारा विशिष्ट कौशल प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया.

सभी प्रतिभागियों ने माइक्रोस्कोप में ऊतकों को अलग करने, एम्बेडिंग, सेक्शनिंग, स्टेनिंग और फोटोग्राफ करने के मूल विषयों की जानकारी हासिल की. इसके अलावा, उन्होंने स्वयं उनके द्वारा तैयार किए गए ऊतक वर्गों पर क्रायोसेक्शनिंग और इम्यूनोहिस्टोकेमिस्ट्री का प्रदर्शन किया. संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों के बीच हुई व्यापक चर्चा के परिणामस्वरूप तकनीक विषयों की जानकारी विस्तार से ली गई.

प्रो. के. श्रीनिवासुलु (अध्यक्ष, प्राणी जैविकी विभाग) ने प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई दी तथा प्रमाणपत्र वितरित किए.

प्रशिक्षण के प्राथमिक संसाधन व्यक्ति प्राणी जैविकी विभाग के प्रो. बी. सेंथिलकुमारन थे तथा इस अवसर पर उनके अधीन शोधरत पीएच.डी. शोधार्थी सुश्री. एन. स्वाति और सुश्री. एन. अनुषा ने सहायता की.

प्रो. सुरेश येनुगु ने कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षण का समन्वय किया तथा उनके पीएच.डी. शोधार्थी सुश्री. प्रियंका प्रियदर्शिनी और श्री. सुरेश बाबू मुनिपल्ली ने इसके लिए सहायता प्रदान की.