दक्षिण एशिया में सामुदायिक रेडियो की भूमिका तथा सकारात्मक सामाजिक परिवर्तनों को बढ़ावा देने हेतु युनेस्को चेयर प्रो. विनोद पावराला के नेतृत्व में विद्वानों के दल ने काठमांडू में सार्क सूचना केन्द्र और रेडियो प्र्रसारकों के वल्र्ड एसोसिएशन (AMARC) द्वारा संयुक्त रूप से 6 से 8 सितंबर 2013 तक आयोजित सम्मेलन में भाग लिया।
इस सम्मेलन में सत्र के अध्यक्ष प्रो. पावराला ने सार्क देशों की सामुदायिक नीतियों का जायज़ा लिया और सम्मेलन के प्रस्तावों पर मसौदा भी तौयार किया। तदोपरान्त श्री.वासुकी बेलवाड़ी, एसोसिएट प्रो. संचार विभाग ने युनेस्को चेयर टीम के द्वारा हाल ही में विकसित की गई सामुदायिक रेडियों में निरंतर सुधार लाने वाली टूलकिट का प्रदर्शन किया। डॉ.कंचर के मलिक संचार विभाग ने सामुदायिक रेडियो की व्यवस्थापना तथा आत्म-अभिवेचन पर एक प्रस्तुति दी। संचार विभाग की डॉक्टरल छात्रा तथा UNESCO सभा पीठ जन संचार माध्यम की सह अनुसंधान कर्ता प्रीति रघुनाथ ने भाग लिया। वह पिछले दो सप्ताह से नेपाल में अपने शोध (दक्षिण एशिया में सामुदायिक रेडियो नीतियाँ) विषय पर कार्य कर रहीं हैं।
सार्क सदस्य देशों में सामुदायिक प्रसारण को अलग इकाई का दर्जा देकर इसके विकास के लिए सार्वजनिक धन का प्रावधान करने तथा प्रगतिशील कानून बनाने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया था।