हैदराबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग की संकाय सदस्या प्रो. अपर्णा रायप्रोल को हीडलबर्ग ट्रांसकल्चरल अध्ययन केन्द्र, हीडलबर्ग विश्वविद्यालय ने आमंत्रित किया था. उन्होंने 5 से 8 मई 2014 तक यह दौरा किया. आपने इस दौरे के दौरान उन्होंने ‘रिटर्न माइग्रेशन एंड दि ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ़ हैदराबाद सिटी’ नामक विषय पर एक व्याख्यान भी प्रस्तुत किया.

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अपने इस व्याख्यान में उन्होंने बताया कि आज भारत अपने प्रवासी भारतीयों को अपने देश लौट आने के लिए आकर्षित कर रहा है. आज भारत आईटी के क्षेत्र में एक कीर्तिमान के रूप में उभर रहा है. आज भारत केवल आईटी के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि शैक्षिक, रियल एस्टेट तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराने में भी सक्षम हो गया है. इसके जीते जागते उदाहरण के रूप में हैदराबाद शहर को देख सकते हैं, जो आज अपने परिवर्तित एवं उदीयमान रूप में प्रवासी भारतीयों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. अंत में उन्होंने इस का श्रेय वैश्विक आंदोलनों को दिया, जिसके फलस्वरूप प्रवासी भारतीयों के लिए एवं निवेशकों के लिए आज भारत एक महत्वपूर्ण गंतव्य बन गया है.

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इसी संदर्भ को लेकर उन्होंने ‘एट होम इन दि सिटी’ नामक ग्रीष्मकालीन संगोष्ठी फिल्म श्रृंखला में ‘दिल्ली—मुंबई—दिल्ली’ (2006) पर चर्चा की. प्रो. रायप्रोल ने दिल्ली और शांघाई में स्थित सांस्कृतिक भौगोलिक एवं जेंडर्ड स्पेसेस केन्द्रों की SINGLE (एकल महिलाओं पर हो रही परियोजना) नामक शोध परियोजना से जुड़े डॉक्टरेट छात्रों के साथ बातचीत सत्र में उनकी अनेक शंकाओं का निवारण किया.

हैदराबाद विश्वविद्यालय ‘स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम’ की निदेशिका रहीं प्रो. रायप्रोल को प्रवासी भारतीय अध्ययन, गुणात्मक अनुसंधान विधियों और शहरी समाजशास्त्र आदि क्षेत्रों में रुचि है.