हैदराबाद विश्वविद्यालय भौतिकी संकाय के इंजीनियरिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संकाय सदस्य प्रो. के.ए. पद्मनाभन और प्रो. एम. घनश्याम कृष्ण को और इसी विश्वविद्यालय के भौतिकी संकाय के पूर्व पीएचडी छात्र डॉ. एमएसआरएन किरण को ‘नॉन-स्टोइकिओमेट्रिक टाइटेनियम नाइट्राइड फिल्म्स’ के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के पेटेंट प्राप्त हुए हैं.

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K.A. Padmanabhan

इस पेटेंट के लिए वर्ष 2008 में आवेदन प्रस्तुत किए गए थे. इसे पहली बार वर्ष 2009 में डब्ल्यूआईपीओ ने मान्यता दी थी. तदुपरांत अक्टूबर, 2013 में यूरोप ने तथा जुलाई, 2014 में अमेरिका ने पेटेंट दिए. इस पेटेंट प्रक्रिया के लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के TIFAC ने आर्थिक सहायता की थी.

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M. Ghanashyam Krishna

इस पेटेंट के तहत उच्च अपवर्तक सूचक तथा उच्च तापमान स्थिर नॉन-स्टोइकिओमेट्रिक टाइटेनियम नाइट्राइड की पतली पारदर्शी परत है, जो एक प्रक्रिया के साथ किसी भी वस्तु पर चढ़ाई जा सकती है. जिसके फलस्वरूप उपयोगी वस्तु विभिन्न रंगों में (जैसे – नीले, मैजंटा, भूरे और स्वर्णिम पीले रंगों) में दमकती है. इसका प्रयोग घड़ियाँ तथा कृत्रिम आभूषण जैसी सजावटी वस्तुओं में किया जाता है. इन फिल्मों की प्रतिच्छाया स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र में शून्य के निकट होती है, जिसके कारण यह अत्यंत उपयोगी हो सकता है. 3.7-4.5 eV के मध्य बैंड अंतर होने के कारण इनका प्रयोग ठोस प्रकाशी एलईडी की पतली फिल्म सामग्री बनाने के लिए भी किया जा सकता है. 600 डिग्री सेल्सियस तक स्थिर रहने वाली इस परत को विभिन्न वस्तुओं (जैसे काँच, क्वार्ट्‌ज़, सिलिकॉन, स्टेनलेस स्टील, मैग्नीशियम ऑक्साइड और नीलम) की सतह पर लगाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक ऑप्टिकल तथा ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक के उद्योग में भी इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है. यह फ़िल्म अपनी अति कठोरता और बायोकम्पेटिबिलिटी के कारण अंतरिक्ष एवं चिकित्सकीय अनुप्रयोगों में कारगार साबित हो सकती है. हैदराबाद विश्वविद्यालय इस पेटेंट के आधार पर स्थानांतरित प्रौद्योगिकी की प्रक्रिया में व्यवसायीकरण के लिए एम / एस उन्नत प्रक्रिया प्रौद्योगिकी लिमिटेड पुणे से संलग्न है.

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M.S.R.N. Kiran

प्रो. पद्मनाभन फिलहाल हैदराबाद विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के चेयर प्रोफेसर हैं. वे विश्व प्रसिद्‌ध धातुशोधक तथा प्रतिष्ठित मटेरियल्स इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं. आप आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक भी रह चुके हैं. भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलौर से पीएचडी करने वाले प्रो. एम. घनश्याम कृष्ण वर्ष 2001 से हैदराबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी संकाय में संकाय सदस्य के रूप में कार्यरत हैं. डॉ. एमएसआरएन किरण ने हैदराबाद विश्वविद्यालय से ही प्रो. पद्मनाभन और प्रो. एम. घनश्याम कृष्ण के निर्देशन में अपनी पीएचडी संपन्न की. फिलहाल वे इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स इंजीनियरिंग विभाग, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं. ये तीनों वैज्ञानिक नैनो सामग्री तथा पतली परत और उन्नत सामग्री के औद्योगिक अनुप्रयोगों में शोधरत हैं.