शिवांजलि मिश्रा, भाषा विज्ञान में एकीकृत स्नातकोत्तर छात्रा, अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान और अनुवाद अध्ययन केंद्र, है.वि.वि को इसास्मस मुंडस जॉइंट मास्टर्स इन क्लिनिकल लिंग्विस्टिक्स (EMCL+) में प्रतिष्ठात्मक छात्रवृत्ति प्रदान की गई है.
EMCL+ नैदानिक भाषाविज्ञान में इरास्मस+ मुंडस संयुक्त स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम है तथा यह पाठ्यक्रम University of Groningen (Netherlands), University of Potsdam (Germany) और University of Eastern Finland (Finland) द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है. ECML+ स्नातकोत्तर स्तर पर 24 महीने के पूर्णकालिक अंतर-विषयपरक और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयीन कार्यक्रम प्रदान करता है जो प्रयोगात्मक भाषाविज्ञान, तंत्रिका भाषाविज्ञान, मनोविज्ञानिक भाषाविज्ञान और नैदानिक भाषाविज्ञान में एकीकृत प्रशिक्षण से संबंधित है.
EMCL+ का उद्देश्य उच्च योग्यता प्राप्त उन्नत छात्रों को प्रशिक्षित करना है ताकि वे बहुत ही रोजगार उन्मुख बनें. छात्रों को न केवल उपरोक्त क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य और पीएच.डी. कार्यक्रमों के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है, बल्कि वे अनुसंधान और विकास तथा नैदानिक क्षेत्र में बहुत सारे रोज़गार प्राप्त करने के योग्य बन सकेंगे. यह उपलब्धि इन क्षेत्रों के सारे प्रतिनिधियों की बदौलत है, जो इस कार्यक्रम में सह-भागीदार के रूप में शामिल होते हैं.
शिवांजलि ने होली क्रॉस स्कूल, दरभंगा से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और भाषाविज्ञान में एकीकृत स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय में दाखिला लिया.
उन्होंने पाठ्यक्रम संरचना के कारण EMCL+ चुना है.
शिवांजलि का कहना है, “नैदानिक भाषाविज्ञान पर हालांकि बहुत अधिक जोर नहीं दिया जाता पर यह भाषा उत्पादन और धारणा की हमारी समझ को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मैं पश्चिमी यूरोपीय भाषाविज्ञान के परिप्रेक्ष्य से इसका अध्ययन करना चाहती हूँ, जहाँ इसका आरंभ हुआ.”
“भविष्य में भारतीय भाषाविज्ञान के लिए भाषा संज्ञान के एक अलग परिप्रेक्ष्य की आवश्यकता है. इस कार्यक्रम में पढाए जा रहे विषय विशेष रूप से ऐसे लक्ष्यों के अनुरूप हैं. इसके अतिरिक्त, विदेश में अनिवार्य अध्ययन सत्र अलग-अलग संस्कृतियों को अनुभव के लिए और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक बढ़िया मंच प्रदान करता है. इसका कारण है कि यह तीन अलग-अलग देशों के तीन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा चलाया जाता है. मुझे तीन अलग-अलग भाषाई क्षेत्रों संबंधित भाषाविज्ञान के यूरोपीय दृष्टिकोण से अवगत कराया जाएगा.”