नेदरलैंड्स की नेशनल रिसर्च काउंसिल एनडब्ल्यूए द्वारा प्रो. रमेश मिश्रा, तंत्रिका एवं संज्ञानात्मक विज्ञान (सीएनसीएस), हैदराबाद विश्वविद्यालय और प्रो. नील्स शिलर, लेडन यूनिवर्सिटी, नेदरलैंड्स को साइंस डिप्लोमसी निधि प्रदान की गई है.

इस निधि का उद्देश्य दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक अनुसंधान और नीति-निर्माण से संबंधित राजनयिक संबंध स्थापित करना है. बहुभाषावाद और शिक्षा, अर्थव्यवस्था पर इसके परिणामों पर अध्ययन केंद्रित होगा. विश्व में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की स्थिति के आकलन के बाद निधि की सहायता से सम्मेलन और यात्राओं जैसी कई गतिविधियाँ आरंभ की जाएँगी.

https://www.nwo.nl/%E2%80%A6/science-di%E2%80%A6/science-diplomacy-fund.html

प्रो. मिश्रा और प्रो. शिलर को इससे पहले ASEM-DUO इंडिया पुरस्कार मिल चुका है. प्रो. मिश्रा प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय जर्नल बाइलिंग्युलिज़्म: लैंग्वेज एंड कॉग्निशन, केंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस के संपादक मंडल के सदस्य हैं. बहुभाषाविद पर आपकी नई पुस्तक स्प्रिंगर नेचर द्वारा प्रकाशित की गई है. 

https://www.springer.com/gp/book/9783319925127