हैदराबाद विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एम. रोमेश सिंह, अर्थशास्त्र संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. फणींद्र गोयरी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. वैभव विंदल रामन पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप के लिए चुने गए हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त रामन पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप का उद्देश्य है भारतीय युवा विद्वानों को उन्नत तकनीकी और प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षणार्थ अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधानों के अवसरों को प्रदान कर उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे राज्य में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के साथ कार्य कर वैश्विक परिप्रेक्ष्यों के अनुसार अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संपूर्ण अवसर प्रदान करना.
यह फेलोशिप अधिकतम 12 महीनों की अवधि के लिए दी जाती है. इस फैलोशिप से संबंधित अधिक विवरण www.ugc.ac.in/ramanpdf वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
हैदराबाद विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. फणींद्र गोयरी एमए और आईएमए के छात्रों के लिए नियमित रूप से शिक्षण के अलावा एमफिल और पीएचडी शोधार्थियों को मार्गदर्शन भी प्रशस्त करते हैं. फिलहाल डॉ. गोयरी सिंचाई विकास, प्रौद्योगिकी अपनाने, फसल पद्धति तथा गैरपैरामीट्रिक अर्थमितीय मॉडलिंगों द्वारा क्षेत्रीय विकास और कृषि अर्थशास्त्र के विशेष संदर्भ में अनुसंधान कर रहे हैं. यूजीसी रामन फेलोशिप के द्वारा डॉ. गोयरी डॉ. Kiril Tochkov के साथ अपने सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य का संचालन करने के लिए अर्थशास्त्र विभाग, टेक्सास क्रिश्चियन विश्वविद्यालय फोर्थ वर्थ, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आमंत्रित किए गए हैं.
हैदराबाद विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एम. रोमेश सिंह मोइरांगथम बिजनेस नृविज्ञान और विकास नृविज्ञान के क्षेत्रों के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं. पिछले पाँच वर्षों से आप विभाग में बिजनेस नृविज्ञान के अध्यापन और बिजनेस नृविज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान कार्यों में लगे हैं. आपने विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लेख और पुस्तक समीक्षाएँ प्रस्तुत की और अनेक सेमिनारों में शोधपत्र भी प्रस्तुत किए. आप ने Tribal Development in the Twenty First Century: An Experience from Manipur नामक एक पुस्तक भी लिखी. इसके साथ ‘Development Initiatives in India’ नामक पुस्तक के सह-संपादक भी हैं. आपने यूजीसी-अनुसंधान पुरस्कार (2012-2014) भी हासिल किया. यूजीसी रामन फेलोशिप के द्वारा आप अपना सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य का संचालन करने के लिए मानव विज्ञान विभाग, उत्तरी टेक्सास विश्वविद्यालय, डेंटन, संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करेंगे.
हैदराबाद विश्वविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. वैभव विंदल विभाग के विभिन्न परियोजनाओं से जुडे शोधार्थियों का और पीएचडी शोधार्थियों के शोध कार्यों का पर्यवेक्षण करते हैं. आप प्रायोगिक सत्यापन के साथ कम्प्यूटेशनल दृष्टिकोण को एकीकृत करके जैविक प्रक्रियाओं की बेहतर समझ की दिशा में अनुसंधान कर रहें हैं. इस प्रक्रिया में आपके समूह ने वैज्ञानिक समुदाय के लिए वेब संसाधनों और उपकरणों की संख्या में काफी श्रीवृद्धि भी की है. यूजीसी रामन फेलोशिप के द्वारा आप अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान की स्थापना के लिए मेजबान संस्थान के अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एमोरी वैक्सीन केंद्र, एमोरी विश्वविद्यालय में कार्य करेंगे.