हैदराबाद विश्वविद्यालय के विजिटर एवं भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री. प्रणब मुखर्जी ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एवं संसद के प्रतिष्ठित पूर्व सदस्य डॉ. सी. रंगराजन जी को हैदराबाद विश्वविद्यालय के ग्यारहवें कुलाधिपति के रूप में नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए है.
डॉ. सी. रंगराजन ने इससे पूर्व प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में, मद्रास स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के अध्यक्ष के रूप में, भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के अध्यक्ष के रूप में, सी आर. राव एडवांस्ड इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैथमेटिक्स, स्टेटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर साइंस के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में, बारहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में तथा नवंबर 1997 से जनवरी 2003 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्य किया है. इसी समय ओडिशा के राज्यपाल (1998-1999) तथा तमिलनाडु के राज्यपाल (2001-02) के रूप में भी अतिरिक्त कार्यभार संभाला.
डॉ. रंगराजन ने कॉलेज शिक्षा (1947-1949) नेशनल कॉलेज (तिरुचिरापल्ली) से, स्नातक की उपाधि कॉमर्स स्ट्रीम में मद्रास विश्वविद्यालय के लोयोला कॉलेज से (वहाँ अर्थशास्त्र विभाग येल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टी. एन. श्रीनिवासन के समकालीन थे), तदुपरांत 1964 में पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.
डॉ. रंगराजन अर्थशास्त्र के प्रसिद्ध शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने आईआईएम-ए तथा पेन्सिलवेनिया जैसे अनेक प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया. आपके द्वारा माइक्रो अर्थशास्त्र पर विरचित पाठ्यपुस्तक व्यापार प्रबंधन के स्नातकोत्तर तथा डॉक्टोरल पाठ्यक्रमों में आज भी पढ़ाई जाती है. आपको 1997 में आईआईएम-ए के मानद फेलो के रूप में तथा वर्ष 2002 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया.