भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास केंद्र -इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मटेरियल्स (एआरसीआई) और हैदराबाद विश्वविद्यालय ने मेकिंस इंडस्ट्रीज़ लि. (एमआईएल) के साथ मिलकर कोविड-19 से लड़ने के लिएयूवीसी आधारित संक्रमणरोधी पद्धति को विकसित किया है जो अस्पतालों को तेज़ी से स्वच्छ कर सकती है. हैदराबाद विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन केंद्र (CASEST), भौतिकी संकाय के प्रो. सम्राट सबत और कंप्यूटर और सूचना विज्ञान संकाय के प्रो. सिबा कुमार उद्गाता इस परियोजना से जुड़े हैं.

यूवी संक्रमणरोधी प्रणाली उन अस्पतालों को अच्छी तरह से स्वच्छ कर सकती है जो कोविड-19 का इलाज करने में जुटे हुए हैं.

कोरोनावाइरस अन्य वाइरस और बैक्टिरिया की तरह यूवीसी किरणों के प्रति संवेदनशील होता है. यह नवीन प्रणाली वर्तमान में हैदराबाद के कर्मचारी राज्य बीमा मंडल अस्पताल में परीक्षण हेतु प्रयुक्त हो रही है.

200-300 नै.मी. वेवलेंथ के बीच की यूवी किरणेंवाइरस और बैक्टिरिया जैसे सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय कर सकती हैं, जिससे हवा के साथ अन्य सतहों को भी स्वच्छ किया जा सकता है. अस्पताल जैसे वातावरणों से बैक्टिरिया और वाइरस निकालने के लिए अक्सर रासायनिक संक्रमणरोधक पर्याप्त नहीं होते. अस्पतालों में बेड्स की सीमित संख्या के कारण इस्तेमाल किए हुए बेड्स को पुन: मरीज़ों के लिए उपयोग में लाने से पूर्व तेज़ी से विसंक्रमित करना आवश्यक होता है. 254 नै.मी. की गहनता वाली यूवीसी किरणों के कारण वाइरस का कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त होती हैं, जिससे उसकी पुनरावृत्ति नहीं हो पाती. रासायनिक संक्रमणरोधकों के मुकाबले यह प्रणाली कम समय में अधिक प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है.

एआरसीआई, है.वि.वि. और एमआईएल द्वारा विकसित इस यूवीसी संक्रमणरोधी प्रणाली (उँचाई 1.6मी. x चौड़ाई 0.6मी. x लंबाई 0.9मी.) में 6 जर्मीसाइडल ट्यूब्स होती हैं. इनकी रचना इस प्रकार की गई है कि प्रत्येक दिशा में 2 ट्यूब्स होती हैं – दीवार, बेड और कमरे की हवा. फर्श की सफाई के लिए अन्य दो छोटी ट्यूब्स नीचे की तरफ होती हैं. संक्रमण मिटाने के लिए इस प्रणाली को आवश्यक सुरक्षा पोशाक और यूवी चश्मा पहने एक कर्मचारी कमरे में घुमाता है.

5फीट/प्र.मि. की गति से 400 वर्ग फीट का कमरा 99% से अधिक विसंक्रमित करने में यूवीसी प्रणाली के प्रचालक को औसतन आधा घंटा लगता है. यह वर्तमान प्रणाली पहला प्रोटोटाइप है जो अस्पताल और रेल डिब्बों के विसंक्रमण के लिए तुरंत प्रयोग में लाया जा सकता है. मशीन के आकार को छोटा करने और उसे स्वचालित बनाने के प्रयास जारी हैं, ताकि विमान केबिन और रेल डिब्बों का शीघ्र विसंक्रमण के लिए इस प्रयुक्त किया जा सके. इस प्रणाली का इस्तेमाल मरीज़ को अस्पताल से छुट्टी देने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपस्थिति में किया जाना चाहिए.

इस यूवीसी संक्रमणरोधी प्रणाली की सूचना वि. और प्रौ. विभाग, भारत सरकार को भी दी जा चुकी है.