गणमान्य ट्रिनिटी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. रिचर्ड मिलवुड ने 19 जनवरी, 2017 गुरुवार को यहाँ हैदराबाद विश्वविद्यालय में ‘The learner at the Centre of Educational Design’ पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया.
गणित एवं कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग शिक्षण के क्षेत्र में मिलवुड को गहरा अनुभव है. वे 1976 से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. आप शिक्षण प्रणाली को सुगम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी अधिगम की नई विधियों को विकसित करने के लिए कार्य कर रहे हैं. आपका मानना है कि, आज कल शिक्षा पर्यावरण के विपरीत जा रही है. उन्होंने बताया कि, शिक्षा को रमणीय और रुचिकर बनाने के लिए उसमें प्रशंसा, उत्साह, प्रफुल्लता और विवाद आदि तत्वों का मार्मिक संयोग होना चाहिए. क्षेत्रीय सीमाओं को तोड़ते हुए डॉ. मिलवुड ने शिक्षा को वैश्विक वस्तु के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि, “My roots are England, my reference point is the moon, and my sense of belonging of the society of human kind and am still learning.” इस व्याख्यान के बाद एक इंटरैक्टिव सत्र चला, जिसमें छात्रों ने मौजूदा शैक्षिक पाठ्यक्रम और शिक्षण प्रणाली से संबंधित अपने अनेक शंकाओं का समाधान पाया.
डॉ. मिलवुड ने अनेक शोध-पत्र प्रकाशित किए हैं. आपने अनेक डॉक्टरल शोधार्थियों को मार्ग निर्देशन किया. आज-कल आप डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में चल रहे अनुसंधान कार्यों का पर्यवेक्षण कर रहे हैं. हैदराबाद विश्वविद्यालय के सम-कुलपति प्रो. विपिन श्रीवास्तव ने इस सत्र की अध्यक्षता की, जबकि शिक्षा और शिक्षा प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शिव प्रसाद इसके समन्वयक थे.