हैदराबाद विश्वविद्यालय में इस वर्ष 3 सितंबर से 16 सितंबर तक हिंदी पखवाड़ा आयोजित किया गया. इस अवधि के दौरान राजभाषा हिंदी से जुड़ी कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं.
हिंदी पखवाड़े का समापन हैदराबाद विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर प्रमुख हिंदी साहित्यकार एवं आय कर महानिदेशक (अन्वेषण) के रूप में कार्यरत डॉ. आर.के. पालीवाल मुख्य अतिथि के रूप में पधारे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. अरुण अग्रवाल, प्रति-कुलपति महोदय ने की और मंच पर हिंदी विभाग के प्रोफेसर गजेंद्र कुमार पाठक भी उपस्थित थे.
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं हिंदी अधिकारी डॉ. श्री ज्ञानमोटे ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया. डॉ. पालीवाल ने इस अवसर पर ‘भाषा के परिप्रेक्ष्य में गांधीवादी विचार’ पर बहुत ही महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया. आपने कहा कि सभ्यता और संस्कृति की नींव में भाषा सबसे बड़ा नींव का पत्थर होती है. इस तथ्य को महात्मा गांधी ने बखूबी पहचाना और हिंदी को अपनाने का तर्क दिया. मिट्टी और देश से जुड़े इस महानायक के भाषासंबंधी विचार आज भी प्रासंगिक लगते हैं.
हिंदी पखवाड़े में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए. समारोह के अध्यक्ष प्रो. अग्रवाल ने कार्यालय में हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग हेतु निरंतर प्रयास करने के लिए कहा. कई अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र भी उपस्थित थे.