हैदराबाद विश्वविद्यालय में 30 अप्रैल और 1 मई, 2015 को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण नीति के कार्यान्वयन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. ई. हरिबाबू ने सर्वप्रथम 40 से अधिक केन्द्रीय विश्वविद्यालयों से कार्यशाला में भाग लेने के लिए आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया. तदुपरांत उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों का ध्यान भारतीय संविधान के प्रावधानों में निहित आरक्षण नीति पर केंद्रित करते हुए कहा कि इस नीति को सकारात्मक ढंग से कार्यान्वित करने के लिए समस्त केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य विश्वविद्यालयों का मार्गदर्शन करने का सामर्थ्य होना चाहिए. इस संदर्भ में उन्होंने विश्वविद्यालयों में रिक्त शिक्षक पदों की स्थिति पर चिंता अभिव्यक्त करते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान ढूंढने में इस प्रकार की कार्यशालाएँ प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं.

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P H Naik

इस अवसर पर हैदराबाद विश्वविद्यालय (आरक्षण प्रकोष्ठ) के संयुक्त कुलसचिव डॉ. पी.एच. नायक ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिनिधियों का स्वागत किया. भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईपीए), बेंगलुरू के डॉ. एच.एस. राना तथा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पूर्व अधिकारी डॉ. एल.जी. वर्मा आदि ने इस कार्यशाला में विशेषज्ञों और संसाधन व्यक्तियों के रूप में भाग लिया.

इससे पूर्व नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में घटित विनाशकारी भूकंप के पीड़ितों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया था.

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H S Rana

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K G Verma

इस अवसर पर अपना मत व्यक्त करते हुए डॉ. एच.एस. राणा ने कहा कि आज भी आरक्षण नीतियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अनेक सवाल उत्पन्न होते रहते हैं पर इनके समाधान के लिए अथवा कार्यान्वयन पर अब तक कोई कार्यशाला आयोजित नहीं की गई. यह अपनी तरह की पहली कार्यशाला है और इस दिशा में पहला कदम उठाने पर हैदराबाद विश्वविद्यालय को बधाई देता हूँ. इस अवसर पर बात करते हुए डॉ के.जी. वर्मा ने बताया कि – आरक्षण नीति संवैधानिक लक्ष्यों और तरीकों से संबंधित सूक्ष्म मुद्‌दा है. इसे पूरा करने के लिए सभी संस्थाओं को निष्पक्ष रूप से इस पर अमल करना चाहिए. इस संदर्भ में कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मोहम्मद अफजल जरगर और नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी की सहायक रजिस्ट्रार सुश्री ग्रेस आदि ने आरक्षण नीति से संबंधित विभिन्न मुद्‌दों पर अपने-अपने मत व्यक्त किए.

इस दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में आरक्षण संबंधी संवैधानिक पृष्ठभूमि पर, मेरिट की संकल्पना पर, आरक्षण निर्धारण, तैयारी और आरक्षण रजिस्टरों का रखरखाव और रोस्टर रजिस्टर पर, भर्ती विधियों पर, जाति के दावों का सत्यापन और संपर्क अधिकारी की भूमिका और उनके कार्य तथा राष्ट्रीय आयोग और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के कल्याण संघों आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.

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M Sudhakar

कार्यक्रम के अंत में हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री. एम. सुधाकर ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित करते हुए इस कार्यशाला में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद संसाधन व्यक्तियों के रूप में कार्यशाला में भाग लेने के लिए आए अतिथियों को तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए सभी अधिकारियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया. इस संदर्भ में उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने के लिए अपने कर्मियों को नियुक्त करने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया.