हैदराबाद विश्वविद्यालय, सरोजिनी नायडू संकाय, कला-संचार एवं ललित कला विभाग के संकायाध्यक्ष एवं नृत्य विभाग के प्रोफेसर रामलिंगा शास्त्री को भारत में नृत्य कला के विस्तार के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान के लिए प्रतिष्ठित ‘कला रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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यह पुरस्कार 8 अप्रैल, 2016 को विजयवाड़ा में उगादि पर्व के शुभ अवसर पर आंध्र प्रदेश राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री. नारा चन्द्र बाबू नायडू द्वारा दिया गया है. इस पुरस्कार के तहत एक शाल, रुपए 50,000 की धनराशि तथा सोने की परत चढ़ाया गया हंस का स्मृतिचिह्न दिया जाता है.

प्रो. पी. रामलिंगा शास्त्री पिछले दो दशकों से हैदराबाद विश्वविद्यालय में इच्छुक युवा छात्रों को भरतनाट्यम में प्रशिक्षण दे रहें हैं. आपने विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में वर्ष 1991 में अपना शिक्षण कार्य आरंभ किया और वर्ष 1998 में रीडर के रूप में चयनित किए गए और अब नृत्य विभाग में प्रोफेसर के रूप में सेवारत हैं.

आपको नृत्य कला के लिए किए गए योगदान हेतु वर्ष 2012 में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा ‘उगादि पुरस्कार’ से तथा त्यागराज गान सभा, विजयवाड़ा द्वारा ‘उभया नाट्य प्रवीणा’ खिताब से और सांस्कृतिक संगठन श्रावणी द्वारा ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता डॉ. सी. नारायण रेड्डी के समक्ष ‘नाट्य कलाधर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.