14 अप्रैल, 2021 को हैदराबाद विश्वविद्यालय में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 130वीं जयंती के अवसर पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई. प्रो. अप्पा राव पोदिले, कुलपति; श्री. पी. सरदार सिंह, कुलसचिव, शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने भारतीय संविधान के जनक को प्रशासनिक भवन में श्रद्धासुमन अर्पण किए.

 

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के योगदानों को याद करते हुए प्रो. अप्पा राव पोदिले ने कहा, “उनके जीवन और उपलब्धियों को हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए. सामाजिक न्याय के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प की आज भी दुनिया कायल है. डॉ. आंबेडकर एक सफल वकील, शोधकर्ता, लेखक और विद्वान थे, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से अपने देश और लोगों की सेवा की. हमारे देश की अर्थव्यवस्था में भी उनका योगदान अतुल्य रहा है.”

सभी उपस्थित जनों से प्रो. अप्पा राव ने अपील की, कि वे समाज के हित के लिए सदैव डॉ. आंबेडकर द्वारा दिए गए संदेश का पालन करें.

एक प्रभावशाली समाज सुधारक, डॉ. आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 में मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. आपने अपना सारा जीवन समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए न्यौछावर कर दिया. संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष और सदस्य के रूप में डॉ. आंबेडकर ने नागरिकों के लिए नागरिक स्वतंत्रता हेतु संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित की. जिनमें, धर्मा की स्वतंत्रता, अस्पृश्यता का उन्मूलन और सभी प्रकार के भेदभाव का निर्मूलन भी शामिल था.