Kawish एक फारसी शब्द है । इसका अर्थ है – किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला परिश्रम । हैदराबाद विश्वविद्यालय उर्दू विभाग के शोधार्थियों ने उर्दू भाषा और साहित्य के शोध कार्य में आनेवाली समस्याओं एवं आपसी विचार-विमर्श के लिए Kawish नाम से एक मंच गठित किया है । उर्दू विभाग के इतिहास में शोधार्थियों द्वारा गठित किया गया पहला मंच है ।

Kwaish3 जुलाई 2013 को एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जो विशेषकर उर्दू शोधार्थियों कीे वास्तविक समस्याओं को समझने और उनका समाधान ढूँढने में सहायक थी । इस संगोष्ठी में हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ उस्मानिया विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, तेलंगाना विश्वविद्यालय निज़ामाबाद और एस.वी. विश्वविद्यालय तिरूपति के कई शोधार्थियों ने भाग लिया । इस संगोष्ठी में 20 से अधिक पत्र प्रस्तुत किए गए ।

इस संगोष्ठी का उद्घाटन हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य रामकृष्ण रामस्वामी ने किया । उद्घाटनोंपरांत उन्होंने सुमइया तमकीन नामक शोधार्थी की पुस्तक का विमोचन किया । सत्र की अध्यक्षता प्रो. अमिताबदास गुप्ता ने की । इस सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. मोहसिन जलगन्वी एतेमद दैनिक पत्रिका के साहित्यिक पृष्ठ के संपादक एवं प्रसिद्ध कवि थे । विभागाध्यक्ष प्रो. मुज़ाफ्फर अली ने स्वागत भाषण दिया । छात्र संयोजक एवं शोधार्थी जे.मोहम्मद शफ़ी ने संगोष्ठी की विषयवस्तु प्रस्तुत की । शोधार्थी एस अब्दुल खालीख़ ने धन्यवाद ज्ञापन किया । सु.श्री. गोसिया बानो ने इस सत्र का संचालन किया था ।