हैदराबाद विश्वविद्यालय में करगिल विजय दिवस मनाने के लिए डीन, छात्र कल्याण द्वारा ले.जनरल (से.नि.) एम.ए. ज़की एवं श्री. एस.ए. क़ादर, महानिरीक्षक (से.नि.), सीमा सुरक्षा बल को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों को नमन करने के लिए यह दिन 26 जुलाई, 2017 को विश्वविद्यालय में मनाया गया. 1999 के करगिल युद्ध की समाप्ति के उपलक्ष्य में करगिल विजय दिवस मनाया जाता है.
मुख्य अतिथि एम.ए. ज़की ने करगिल युद्ध के दौरान अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया. दो महीने तक वे भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू और कश्मीर के करगिल क्षेत्र में तैनात थे. इस दौरान सेना को मौसम की कठिनाइयों से भी निपटना पड़ा. आपने विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि वे सेना के जवानों के प्रयासों को पहचानें और हर तरह से उनकी मदद करने का प्रयास करें.
श्री. एस.ए. क़ादर ने करगिल युद्ध के दौरान अपने निजी अनुभवों को प्रस्तुत किया. वे उस वक्त जम्मू में तैना थे. सीमा सुरक्षा बल ने सीमा की रक्षा की और युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
कमांडर (से.नि.) चल्ला वेंकटेश्वर पहले नौसेना में सेवारत थे और अब वे हैदराबाद विश्वविद्यालय में उप कुलसचिव हैं. आपने भी करगिल युद्ध के दौरान सेना के शौर्य की गाथा सुनाई.
डीन, छात्र कल्याण – प्रो. देबाशीष आचार्य ने सबका स्वागत किया और वक्ताओं का परिचय दिया. प्रो. पी. प्रकाश बाबू, सम-कुलपति-2 ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
छात्र कल्याण के डेप्युटी डीन प्रो. दार्ला वेंकटेश्वरलु ने डीन, छात्र कल्याण और अन्य सहकर्मियों के साथ मिलकर मंच पर उपस्थित अतिथियों को सम्मानित किया.
प्रो. जी. पद्मजा, डेप्युटी डीन-छात्र कल्याण ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में कई शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित थे.