4 जुलाई 2022 को श्री. धर्मेंद्र प्रधान, माननीय शिक्षा मंत्री और कौशल और उद्यमिता विकास मंत्री, भारत सरकार ने हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण संसाधन केंद्र, भौतिकी संकाय तथा इंजीनियरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय की नए इमारतों का उद्घाटन किया. तत्पश्चात विश्वविद्यालय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे विश्वविद्यालयों को विश्व के शीर्ष संस्थान बनने के लिए शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और उद्योग के संयोजन और एकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए, जिससे समाज को अधिक लाभ होगा.”

श्री. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “भारत में लगभग 1000 विश्वविद्यालय हैं और मैं है.वि.वि. का स्थान देश के शीर्ष 10 में मानता हूँ. इसलिए, यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह क्षेत्र, राज्य, देश और दुनिया के लोगों की आकांक्षाओं को पूर्ण करने की प्रयास जारी रखे. है.वि.वि. न केवल विज्ञान क्षेत्र में बल्कि मानविकी और सामाजिक विज्ञान आदि क्षेत्रों में भी अपनी गरिमा को बनाए रखा है.”

माननीय मंत्री ने आगे कहा, “एनईपी-2020 भारत को एक ज्ञानवान समाज के रूप में स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण मार्ग है. हमें भविष्य की तैयारी के साथ-साथ पूरी युवा आबादी को औपचारिक कौशल के तहत अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का अवसर देना चाहिए. युवाओं को सही कौशल से लैस करके ही जन-सांख्यिकीय लाभांश प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हमारे विश्वविद्यालयों की भूमिका अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने, वैश्विक नागरिक बनाने, सभी भारतीय भाषाओं की जीवंतता को बढ़ावा देने और मानवता के कल्याण के लिए सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने की होनी चाहिए.

“विश्वविद्यालय विचारधाराओं से भरपूर हैं. एनईपी-2020 रचनात्मक क्षमता को प्रोत्साहित करने और महत्वपूर्ण सोच विकसित करने पर जोर देता है. खुशी है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय ने शिक्षा को अधिक जीवंत, बहु-विषयक और बहु-आयामी बनाने के लिए कई प्रयोग किए हैं. मैं डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण संसाधन केंद्र, भौतिकी संकाय तथा इंजीनियरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय की नई इमारतों के उद्घाटन के अवसर पर विश्वविद्यालय समुदाय को बधाई देता हूँ. मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय तेलंगाना और दक्षिण भारत में ज्ञान के केंद्र के रूप में उभरेगा.”

भाषण के समापन में तीन नए भवनों का उद्घाटन करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए माननीय मंत्री ने कहा, “सुबह वरिष्ठ संकाय सदस्यों से मुलाकात की और संज्ञान में आया है कि कुछ प्रशासनिक मुद्दों पर ध्यान दिया जाना है. मैं आपको समस्याओं को सुलझाने में अपनी ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन देता हूँ. मैं सभी रिक्त पदों को तत्काल आधार पर भरने के लिए विश्वविद्यालय को अपना पूरा समर्थन देता हूँ.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति न्यायमूर्ति एल. नरसिम्हा रेड्डी, कुलपति प्रो. बी.जे. राव, सम-कुलपति प्रो. आर.एस. सर्राजू, कुलसचिव डॉ. देवेश निगम, संकाय-सदस्य, कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे.

34.25 करोड़ रुपये की लागत से इंजीनियरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय भवन का निर्माण किया गया है.

25.20 करोड़ रुपये की लागत से भौतिकी संकाय का भवन बनाया गया है.

3.40 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल शिक्षा और प्रशिक्षण संसाधन केंद्र (सीडीएलटीआर) का भवन बनाया गया है.