हैदराबाद विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान संकाय को भारत सरकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन जैवप्रौद्योगिकी विभाग के कार्यक्रम, बिल्डर (Boost to University Interdisciplinary Life Sciences Department for Education and Research) के तहत पाँच वर्ष की अवधि के लिए 50.44 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है.

इस निधि का उपयोग जीव विज्ञान संकाय विविध विषयों में अंत:विषयक शिक्षा और शोध को बढ़ावा देने के लिए करेगा, जैसे – बायो-रिसोर्सेस एंड इनोवेशन्स; इंट्रा और इंटर सेलुलर कम्यूनिकेशन्स; पोस्ट-ट्रांसलेशनल मॉडिफिकेशन्स: पैथोजेन बायोलॉजी एंड पैथोजनेसिस; मॉलिक्यूलर कैंसर थेरेप्यूटिक्स; स्ट्रक्चरल, कंप्यूटेशनल एंड सिस्टम बायोलॉजी. इस कार्यक्रम के अंतर्गत संकाय को अपनी आधारभूत संरचना, मानव संसाधन (शिक्षक, तकनीकी अधिकारी, पोस्ट डॉक्टोरल फेलो और रिसर्च फेलो) तथा उपकरणों को बेहतर बनाने के लिए बजट दिया गया है. डीबीटी-बिल्डर के अधीन आने वाली बेहतर आधारभूत संरचना के कारण मास्टर्स और शोध छात्रों को बहुत लाभ होगा और अत्याधुनिक शोध-कार्य करने में भी सहायता मिलेगी. इस निधि का उपयोग जैविकी के उन्नत क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने और अन्य संस्थानों के छात्र इंटर्न्स को प्रोत्साहन देने के लिए भी किया जा सकता है.

इस निधि का प्रयोग संकाय में उपलब्ध केंद्रीय सुविधाओं, – प्रोटिओम्क्स, मेटाबोलोमिक्स, जिनोमिक्स, ग्रीनहाउस, एनिमल हाउस, आदि – को अपग्रेड करने के लिए किया जाएगा. सुदूर स्थित विश्वविद्यालय जिनमें उपकरणों की कमी हो, वहाँ के शिक्षकों, मास्टर्स और शोध छात्रों को लाभान्वित करने के लिए निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएँगे. संकाय अध्यक्ष, प्रो. एस. दयानंदा ने इस अद्भुत उपलब्धि के लिए सभी शिक्षकों का अभिनंदन किया. साथ ही, हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक उम्दा जैविकी संकाय बनाने के लिए जिन संस्थापकों और सेवानिवृत्त शिक्षकों का योगदान रहा है, उनके प्रति भी आभार व्यक्त किया.

है.वि.वि. के कुलपति महोदय, प्रो. अप्पा राव पोदिले ने कहा, “यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि जीव विज्ञान संकाय के कार्य को उत्कृष्ट निधि सहायता के साथ फिर एक बार सराहना मिली है. पिछले कई वर्षों में संकाय में किए गए उच्च गुणवत्ता युक्त शोध का ही नतीजा है कि हमें नेचर इंडेक्स में भी शीर्ष रैंकिंग मिली है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस निधि के साथ हमारे शिक्षक, पोस्ट डॉक और छात्र आने वाले वर्षों में जीव विज्ञान संकाय को समस्त विश्व में सर्वोत्कृष्ट बनाने का पूरा प्रयास करेंगे.”

हैदराबाद विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान संकाय की स्थापना वर्ष 1977 में एक आदर्श अंत:विषयक शैक्षिक  संस्थान के रूप में की गई थी. इसका उद्देश्य था ऐसे विचारों को प्रस्तुत करना जो कई समूहों के विविध शोध कार्यों को एक सूत्र में जोड़ सकें, जिससे जैविकी की संरचनाओं और प्रक्रियाओं को समझने और समझाने में मदद मिले. वर्तमान में इस संकाय में 60 शिक्षक, एम.एससी./एम.टेक./आई.एम.एससी. के लगभग 250 छात्र, 350 पीएच.डी. शोधकर्ता और 60 पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो हैं.