हैदराबाद विश्वविद्यालय, सरोजिनी नायडू कला और संचार संकाय का रंगमंच कला विभाग में 12 से 16 फरवरी, 2015 तक इब्सेन अध्ययन केंद्र, ओस्लो विश्वविद्यालय, नॉर्वे के सहयोग से, रॉयल नार्वे दूतावास और तेलंगाना संस्कृति विभाग द्वारा समर्थन प्राप्त IBSEN BETWEEN TRADITION AND CONTEMPORANEITY: PEER GYNT CYCLE नामक पाँच दिवसीय सम्मेलन व समारोह संपन्न हुआ.
इस सम्मेलन का उद्घाटन हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ई. हरिबाबू ने किया. सम्मेलन की रूपरेखा ओस्लो विश्वविद्यालय इब्सेन अध्ययन केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर एलन रीस और हैदराबाद विश्वविद्यालय सरोजिनी नायडू कला और संचार संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. बी. अनंतकृष्णन ने प्रस्तुत की.
इस सम्मेलन में विख्यात थिएटर निर्देशक एम.के. रैना, बंसी कौल और कमालुद्दीन नीलू तथा डॉ. एरिका फिशर-Lichte, डॉ. एलेन रीज़ और डॉ. Frode Helland जैसे प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भाग लिया.
अपने बीज व्याख्यान में एरिका फिशर-Lichte ने 20 वीं सदी में यूरोप और एशिया में इब्सेन नाटकों की शुरुआत से लेकर भारत में Peer Gynt प्रस्तुतियों के इतिहास आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
हेनरिक इब्सेन की जटिल फंतासी PEER GYNT को 12 से 16 फरवरी 2015 के मध्य सरोजिनी नायडू कला और संचार संकाय में क्रमशः तेलुगु में डॉ. अरुणा भिक्षु, मलयालम में अभिलाष पिल्लई, कन्नड़ में डी. प्रसन्ना तथा तमिल में प्रो. रामानुजम आदि ने निर्देशित किया. इसके साथ 13 फरवरी 2015 को रवींद्र भारती में Yngue Marcusson और Niels Peter Underland के निर्देशन में नार्वेजियन भाषा में मंचित किया गया.